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रंगरूट प्रशिक्षण केंद्र- मुरादाबाद व्यावसायिकता, सामाजिक सेवा की भावना, सकारात्मक परिवर्तन की क्षमता विकसित करना

इतिहास

  1. वर्ष 1901 में Police Training College, मोरादाबाद की स्थापना हुई, जिसका उद्देश्य ट्राफिक, जांच और अन्य पुलिस संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करना था।
  2. 1934 में R.H. Williamson समिति की सिफारिश पर इसे अपग्रेड कर एक अतिरिक्त Police Training School (PTS) मोरादाबाद में स्थापित किया गया।
  3. वर्ष 1968 में Recruit Training School (RTS) की स्थापना हुई और 1978 में उसे Police Training College (PTC) के रूप में संवर्गित किया गया, जो सिपाहियों (constables) का प्रशिक्षण देता है।
Police Training College
  1. शासनादेशों के माध्यम से प्रशिक्षण निदेशालय (Training Directorate) स्थापित हुआ और 1987 में इसे Director General Training की अध्यक्षता में समुचित संगठनात्मक संरचना मिली।
मुरादाबाद अब यूपी का एक प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र बन गया है, जिसमें Police Academy, PTC और PTS शामिल हैं, और यह राज्य भर में लगभग 3 लाख पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण देने में योगदान देता है।
Police Training College

RTC – मुरादाबाद पुलिस लाइन (सुविधाएँ और संरचना)

मुख्य विशेषताएँ:

उत्तर प्रदेश का पहला मॉडल Recruit Training Centre (RTC), जो 2025 के मध्य तक तैयार हुआ, पुलिस लाइन परिसर में स्थित है

  1. चार-मंजिला भवन, यूपी पुलिस मुख्यालय के Signature Building की तर्ज पर डिजाइन किया गया है, एक समय में 1,000 रंगरूटों को प्रशिक्षित करने की क्षमता है ।
  2. परिसर में सीसीटीवी और कंट्रोल रूम पूरी सुरक्षा के लिए स्थापित हैं।
  3. स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, और साइबर लैब मौजूद हैं जहाँ साइबर अपराधों से निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है।
  4. छह मॉडल भोजनालय, जिनमें रोटी-गूंथने मशीन लगी है — 30 मिनट में लगभग 1,500 रोटी तैयार करने की क्षमता।
  5. जिम, दौड़ मैदान, बैरक, आरओ पानी प्लांट, कैंटीन जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं ।
  6. दीवारों पर देशभक्ति से प्रेरित पेंटिंग्स बनाई गई हैं — जैसे आतंकियों से लड़ते जवान, महाकुंभ, राम मंदिर आदि — ताकि प्रशिक्षणार्थियों प्रेरणा बढ़े।
  7. SSP सतपाल अंतिल सहित वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर निरीक्षण करके गुणवत्ता सुनिश्चित करते रहे हैं।

प्रशिक्षण अवधि:

लगभग 9 महीने की अवधि में प्रशिक्षण दिया जाता है।

उद्देश्य एवं मिशन

  • रंगरूट पुलिसकर्मियों को आधुनिक तकनीकी, कानूनी, साइबर, शारीरिक और मनोरंजनात्मक प्रशिक्षण देना।
  • उन्हें एक समग्र, अनुशासित और क्षमतावान कानून-प्रयोज्य अधिकारी के रूप में तैयार करना।
  • राज्य की जनता की सेवा और सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों की पर्याप्त संख्या सुनिश्चित करना।

दीर्घकालिक दृष्टि

  • उत्तर प्रदेश में रंगरूट प्रशिक्षुओं के लिए प्रशिक्षण केंद्रों का विस्तारीकरण और मानकीकरण करना।
  • तकनीकी उन्नयन, सुरक्षा प्रणाली और पर्यावरण‑अनुकूल बुनियादी ढांचे के साथ एक मॉडल प्रशिक्षण संस्थान तैयार करना।
  • पुलिसकर्मी प्रशिक्षण में साइबर सुरक्षा, तकनीकी अपराधों, लोकायतन और मानवाधिकार व कानून की गहन समझ को प्रमुखता देना।